कंप्यूटर क्या है :परिभाषा , प्रकार पार्ट्स की जानकारी हिंदी में।
स्वागत है इस लेख में आपका , इस लेख के माध्यम से हम जानेंगें Computer क्या है ? इसकी परिभाषा क्या होती है। कंप्यूटर की शुरुआत कहाँ से हुई। आधुनिक जीवन को इसने किस प्रकार से प्रभवित किया है। हमारी उम्मीद है कि शायद ही कोई व्यक्ति हो जो कंप्यूटर का नाम न सुना हो।आप भी कहीं न कहीं कंप्यूटर के बारे में थोड़ा बहुत नॉलेज रखते होंगे। हो सकता है कि आप इसे सिर्फ घर या दफ्तर में रखा हुआ एक मशीन समझते हो या टेबल पर रखी हुई एक डिवाइस। हो सकता है कि आप के लिए कंप्यूटर का परिभाषा अलग हो लेकिन आपको यह बात जान लेने की आवश्यकता है की कंप्यूटर घर या दफ्तर में रखी हुई कोई छोटा सा डिवाइस नहीं है बल्कि आज की आधुनिक तकनीक की जान है।
तो क्या आपको अभी भी लगता है की कंप्यूटर कोई जानने की चीज़ नहीं है तो शायद आप गलत है। मै आपको यकीन दिलाता हू , की यदि आप जान जाएंगे कि कंप्यूटर क्या चीज है ,उसकी क्या कार्यप्रणाली है, मुख्य पार्ट्स के बारे में विस्तार से जान लेंगे तो आपको पूरा तकनीक समझ में आ जाएगी।,क्योंकि आज तकनीक जिस प्रकार से बदल रह है उन सब का कारण कंप्यूटर ही है।
इस पोस्ट में आप निम्न्लिखित टॉपिक के बारे में पढ़ेंगे :-
कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है ,जिसका उपयोग गणना करने, जानकारी (information ) को एकत्रित करने तथा एकत्रित डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए तथा अन्य मशीनो को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। "
सरल भाषा में कंप्यूटर user से input लेता है तथा उसे process करने के बाद में output के रूप में Result देता है। इन सब के अलावा कंप्यूटर में डेटा को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और जरुरत पड़ने पर उसे पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
"Computer" शब्द का "Compute' से लिया गया जिसका अर्थ - गणना करना। "computer" शब्द का पहली बार प्रयोग 1663 में अंग्रेज लेखक र्रिचड ब्रेथवेट की पुस्तक " द यंग मैन गिलिनिंग्स " पाया गया और उन्नीसवी सदी के अंत तक से इस शब्द को व्यहारिक रूप में लिया जाने लगा। उस समय इसका अर्थ वे यंत्र जो गणनाएँ करता हो। इसी प्रकार गणना करने वाली यंत्र को गणकयंत्र (calculating machine) या computer नाम दिया गया।
कंप्यूटर का अर्थ - Computer full From
कंप्यूटर की कार्यविधि
Input :- इनपुट वह कहलाता है, जिसमे यूजर द्वारा कंप्यूटर को निर्देश या कमांड दिया जाता है। दूसरे शब्दों में यूजर द्वारा जो डाटा या जानकरी कंप्यूटर को दे जाती है ,उसे ही ' Input ' कहा जाता है। इसके अलावा डाटा को अन्य तरीको से भी एंट्री कराई जा सकती है। Input Device - कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन ,स्केनर, कैमरा इत्यादि।
processing :- जब यूजर कंप्यूटर को जो डेटा (निर्देश ) देता है तो उसके आधार पर कंप्यूटर उसे प्रोसेस करता है। इस कार्य को कंप्यूटर में लगे CPU करता है। आमतौर पर CUP को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है। CPU का पूरा नाम Central Processing Unit कहा जाता है। CPU ही पूरी डेटा को प्रोसेस करता है।
Output :- इनपुट किये गए डेटा का प्रोसेस होने के बाद computer उसे Output Device को भेज देता है। आमतौर पर आउटपुट यूजर को डिस्प्ले, स्पीकर और प्रिन्टर से प्राप्त होता है। Output Device - डिस्प्ले (monitor), स्पीकर, प्रिन्टर, Projector इत्यदि।
Storage :- इस पूरी प्रकिया में यूजर process किए गए डाटा को स्टोर कर सकता है और स्टोर किये गए डाटा को पुनः प्राप्त भी कर सकता है।
सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (Software and Hardware)
आमतौर पर software को तीन भागों में बांटा गया है।
1. System software
2. Application software
3. utility software
System software :- system s/w वैसे s/w होते है, जिसका उपयोग यूजर अपने कामों के लिए नहीं, बल्कि कंप्यूटर को स्टार्ट या कंप्यूटर को कैसे काम करना है,उसके लिए यूज़ किया जाता है।System Software Hardware और software के बिच को Communicate ( जोड़ना ) करता है तथा पुरे कंप्यूटर को नियंत्रित करता है।
system s/w कंप्यूटर की आत्मा की तरह होता है। यदि यह कंप्यूटर के अंदर नही हुआ तो कंप्यूटर कोई भी काम नहीं करेगा। जितने भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते है, वे सभी system सॉफ्टवेयर पर निर्भर करते है। इसलिए System s/w एक अहम भूमिका निभते है, कंप्यूटर में।
Application Software :- ये वैसे software होते है जिसका उपयोग यूजर अपने काम के लिए करते है। प्रत्येक Application software किसी खास एक कामों क्व लिए बना होता है। उदाहरण के लिए :- Office के काम के लिए M.S Office Accounting के लिए Tally Video के लिए max / VLC
Utility Software :- इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का use computer को वायरस से बचने के लिए किया जाता है।इसे Antivirus के नाम से भी जाना जाता है।
Hardware के कुछ पार्ट्स या कंप्यूटर का आतंरिक का भाग (Internal parts of computer )
- SMPS :- SMPS का पूरा नाम Switched mood power supply होता है। इसे Power supply के नाम से भी जाना जाता है। इसका काम बहरी ऊर्जा को इनपुट करके Motherboard तक पहुंचना होता है।
2. Motherboard :- Motherboard कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग होता है, जिससे कंप्यूटर के सभी पार्ट्स जुड़े रहते है। यह कंप्यूटर के अंदर तथा बाहर के सभी उपकरणों को जोड़ता है। कंप्यूटर के अंदर पावर सप्लाई से लेकर अन्य हार्डवेयर को जोड़ने का काम Motherboard ही करता है।
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| RAM |
Room कंप्यूटर का मुख्य और प्रथमिक Memory होती है। Room का पूरा नाम Read only Memory होता है। यह एक स्थाई Memory है।
यह सिलिकॉन से बनी एक सेमीकंडक्टर चिप होती है, जिसके अंदर डेटा और प्रोग्राम्स स्थाई तौर पर स्टोर रहता है। यह एक ऐसी प्रयामरी Memory है, जिसमे संग्रहित डेटा व निर्देश को केवल पढ़ा जा सकता है, उन्हें परिवर्तित (Edit) या नष्ट (Delete) नही किया जा सकता। इसमें संग्रहित डेटा व प्रोग्राम कंप्यूटर बंद या विधुत सप्लाई न होने पर भी नहीं मिटते है, वे ज्यों के त्यों रहते है।
कंप्यूटर का इतिहास :-
आज के कंप्यूटर को देखें तो इसे किसी एक व्यक्ति ने नहीं बनाया है। इसे कई लोग मिलकर बनाते है, लेकिन सबसे पहले उनीसवीं सदीं में Charles Babbage नामक प्रसिद्ध mathematics professor ने एक Analytical Engine नामक एक गणना मशीन बनाया था और यही मॉर्डल आज के लिए कंप्यूटर का आधार माना जाता है। इसलिए "Charles Babbage" को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। फिर इसके बाद प्रत्येक पीढ़ी के कंप्यूटर को संसोधन किया जाता रहा।
कंप्यूटर की पिढ़ी :-
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1956 में हुई। इसमें वैक्यूम ट्यूब की जगह Transistors का उपयोग किया जाने लगा।जिसके कारण से यह आकर में काफी छोटा हो गया और काम ऊर्जा भी खपत होने के साथ साथ सस्ता भी हो गया। इसके मुख्य नाम - IBM 7094, CDC 1604, UNIVAC 1108
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आगाज 1964 में हुई। यह कंप्यूटर बाकि के दो पीढ़ियों के कंप्यूटर से कभी बेहतर थे। क्योकि अब I.C (Integrated circuit) का अविष्कार हो चूका था। अब काम बिजली खपत तथा काम ऊष्मा उत्पन के साथ साथ डेटा को एंटर करने के लिए Keyboard तथा Mouse का उपयोग होने लगा।
कंप्यूटर के प्रकार (Types of computer) :-
यदि आप सोचते होंगे कि कंप्यूटर एक P.C या लैपटॉप या टैबलट तक सिमित है तो शायद आप गलत है। कंप्यूटर शब्द का प्रयोग आमतौर पर उन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के लिए किया जाता है , जिसमे ये डिवाइस यूजर से इनपुट डेटा लेकर उसे प्रोसेस करके आउटपुट देता है। आज प्रत्येक सेक्टर्स में कंप्यूटर का उपयोग होता है , जैसे दुकानों , बैंको , पेट्रोल पंप , कार्यालयों में इत्यादि। लेकिन हर सेक्टर्स के लिए एक अलग प्रकार का कंप्यूटर उपयोग होता है।
दुकानों के लिए कैलकुलेटर , पेट्रोल पंप पर जिस मशीन से पेट्रोल देता है तो सबसे पहले ऑपरेटर उसे इनपुट देता है , उदाहरण - 500 का पेट्रोल देने के लिए सबसे पहले वह ऑपरेटर उस मशीन को इनपुट में 500 बताता है ,तब जाकर ग्राहक को मशीन 500 का पेट्रोल देता है। तो देखे मशीन सबसे पहले इनपुट लिया फिर उसे प्रोसेस किया उसके बाद में ग्राहक को उतने रुपए का पेट्रोल दिया। तो ये भी एक प्रकार का कंप्यूटर ही है। इसी प्रकार दुकान में कैलकुलेटर , ये भी एक प्रकार का कंप्यूटर ही है।
A . एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer ) :- एनालॉग एक ऐसा कंप्यूटर है , जिसका उपयोग ज्यादातर विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षत्रे में किया जाता है। यह कंप्यूटर भौतिक मात्राओं जैसे दाब, ताप, लंबाई, तापमान अदि को माप कर उन्हे अंको में व्यक्त करते है। इनकी गति काफी धीमी होती है। इस प्रकार के कंप्यूटर प्रचलन से बहार ही माने जाते है। उदाहरण के लिए वाहन का गति मीटर (speedometer), साधरण घड़ी , वोल्टमीटर इत्यादि।
c. हाइब्रिड कंप्यूटर (hybrid computer) :- यह एक ऐसा कंप्यूटर है, जिसके अंदर एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर का गुण मौजूद रहता है। इसमें गणना और प्रसंसकरण के लिए डिजिटल रूप का प्रयोग किया जाता है, जबकि इनपुट और आउटपुट के लिए एनालॉग संकेतो का। इस प्रकार के कंप्यूटर का उपयोग अस्पताल ,रक्षा क्षेत्र और विज्ञान क्षेत्र में किया जाता है।
2. आकर के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार :- आकर के आधार पर कंप्यूटर को चार भांगो में बाँटा गया है
B. मेन फ्रेम कंप्यूटर (main frame computer) :- इस कंप्यूटर की क्षमता सुपर कंप्यूटर से थोड़ा काम होती है। इसमें बहुत सारे डेटा को fast processing किया जाया जा सकता है। इस कंप्यूटर पर सैकड़ो यूजर लगातार 24 घंटे काम कर सकते है। इस कंप्यूटर को केवल या नेटवर्क के द्व्रारा माइक्रो कंप्यूटर को आसानी से जोड़ा जा सकता है। जिसे N - computing कहा जाता है। इस कंप्यूटर का उपयोग बड़ी कंपनियां बैंक टेलीकॉम सर्विस आदि किया जाता है।
कंप्यूटर के लाभ और हानि :-
कंप्यूटर से लाभ :
- कंप्यूटर सबसे ज्यादा इसलिए प्रचलित है क्योंकि यह सबसे तीव्र गति और सरलता से काम करता है। यह करोड़ो की गिनती सैकेंडों में कर लेता है। जिससे समय की काफी बचत होती है।
- कंप्यूटर के अंदर हम बहुत सारा डेटा को सुरक्षित रख सकते है और जब चाहे उसको पुनः प्राप्त कर सकते है।
- कंप्यूटर से हम दुनिया के किसी भी कोने में संपर्क कर सकते है या किसी भी वस्तु को खरीद या बेच सकते है।
- इसमें डेटा को एक जगह से दूसरे जगह कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
- इस पर अनेक काम कई आदमी एक साथ कर सकते है।
- कंप्यूटर अब पहले के मुकाबले काफी सस्ता हो चूका है और एक जगह से दूसरी जगह कैरी ( ढोना )काफी आसान हो गया है।
- कंप्यूटर के माध्यम से अब हम दूर बैठे अपनों से आसानी से वीडियो कलिंग से बात कर सकते है।
- कंप्यूटर से संचार के कई माध्यम को विकसित किया गया है।
- कंप्यूटर मनोरंजन का भी एक साधन बन चूका है। कंप्यूटर से चैटिंग कई सारे गेम को खेला जा सकता है।
- कंप्यूटर से दुनिया के किसी भी देश में आयोजित खेल को आसानी से घर बैठे देखा जा सकता है या कई समारोह में हिस्सा लिया जा सकता है।
- कंप्यूटर से सबसे ज्यादा हानि तब होती है जब हम इसका जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करते है, इससे हमारे स्वास्थय पर गहरा असर पड़ता है। द्रष्टि कमजोर होना, कमर दर्द , रक्त संचार की कमी इस प्रकार की स्वास्थ संबंधी समस्या आ जाती है।
- कंप्यूटर पर लोग व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा को स्टोर करके रखते है, ऐसे में कई बार हैकर इन डेटा को कंप्यूटर वारयस के द्वारा चोरी कर लेते है। इसलिए कंप्यूटर पर सेव हुए डेटा पर हमेशा खतरा बना रहता है।
- आज हमलोग कंप्यूटर पर बहुत कुछ सिख सकते है, लेकिन आज के युवा इस पर फिल्में और गेम खलने तथा बेकार की चीजें देखकर अपना समय बर्बाद करते है। इस प्रकार भी कंप्यूटर का दुरूपयोग हो रहा है।
- अब तो कई क्षेत्रों में इंसान द्व्रारा होने वाला कार्य कंप्यूटर से हो रहा है। जिससे नौकरी की संभवना घट रही है। आए दिन बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है।
- कंप्यूटर से आए दिन धोका धड़ी की मामले भी तेजी से बढ़ रहे है।
निष्कर्ष :- अतः कंप्यूटर को अगर हम सही से उपयोग करे तो यह हमारे लिए काफी लाभप्रद है। लेकिन उसी कंप्यूटर को हम गलत तरीके से उपयोग करे तो इसका काफी नुकसान भी है। इसलिए हमें कंप्यूटर का सही ढंग से जितना जरुरत है इसका उतना ही यूज़ करना चाहिए।
कंप्यूटर सीखना हमारे लिए कितना जरुरी है:-
हम सभी को पता है की कंप्यूटर परआज कितनी निर्भरता बढ़ गई है। जिस प्रकार से तकनीक बदल रहा है उसी प्रकार हमें भी खुद को बदलने की जरुरत है। आज प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का तेजी से कार्य बढ़ा है ,इसलिए हर व्यक्ति के लिए कंप्यूटर सीखना जरुरी हो जाता है। आज आपको कहीं पर भी नौकरी करनी हो कंप्यूटर आपको कंप्यूटर का बेसिक नॉलेज होना ही चाहिए।
आज का तकनीक काफी हद तक कंप्यूटर से बदलता जा रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है। आज किसी भी विषय पर रिसर्च करनी हो या किसी भी चीज़ की जानकारी प्राप्त करनी हों आप घर बैठे आसानी से कंप्यूटर पर कर सकते है।
कंप्यूटर सिर्फ काम के उदेश्य से नहीं बनाया गया बल्कि यह एक दूसरे को जड़ने का भी काम कर रहा है। किसी के लिए मनोरंजन के लिए तो किसी के लिए सीखने के लिए। इसलिए हमें कंप्यूटर सीखना चाहिए। इससे न सिर्फ हमरी कलाएँ बढ़ेगी बल्कि हम किसी भी काम को तेजी के साथ साथ सटीक काम कर सकेंगे।
अब तो कंप्यूटर से किसी भी कोर्स को आसानी के साथ घर बैठे भी किया जा सकता है। आप ऑनलाइन लर्निंग का नाम तो सुने ही होंगे , जिससे घर बैठे आप कई कोर्स कर सकते है ,लेकिन इसके लिए भी काम से काम आपको कंप्यूटर स्किल्स की जरुरत पड़ेगी।








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